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पर्यावरण एवं पारिस्थितिक तंत्र

 

प्रिय पाठकों, आज कल हम सब पर्यावरण के बारे में ज्यादा बात करते हैं पर उसके संरक्षण में हमारी क्या भूमिका होनी चाहिए ये हमे समझना होगा।

        हम लोग अपने आसपास के वातावरण के बारे में सोचना चालू कर दे तो हो सकता है कि कुछ हद तक हम पर्यावरण संरक्षण में हमारी भूमिका बन सकें।
    आज इसब्लॉग में हम जानेंगे #पर्यावरण एवं #पारिस्थितिक तंत्र का अर्थ एवं परिभाषा और भी बहुत कुछ , तो चलिए जानते हैं वो पॉइंट जो पर्यावरण के लिए आवश्यक है:-
विषय सूची
  • पर्यावरण अर्थ और परिभाषा
  • पर्यावरण के घटक
  •  1-जैविक घटक
  •  2- अजैविक घटक
  • पारिस्थितिक तंत्र अर्थ एवं परिभाषा
  • खाद्य श्रृंखला एवं खाद्य जाल
  • पारिस्थितिक पिरामिड 
  • 1 जीव संख्या का पिरामिड
  • 2 जीव भार का पिरामिड 
  • 3 ऊर्जा का पिरामिड
  • पोषण पदार्थों का चक्री करण 
  • 1 जल चक्र
  • 2 कार्बन चक्र
  • 3 नाइट्रोजन चक्र
  • 4 फास्फोरस चक्र

पर्यावरण का अर्थ एवं परिभाषा

पर्यावरण का अर्थ है चारो तरफ का वातावरण जिससे हम घिरे हुए है।
पेड़ पौधे , जीव जंतु , संस्कृतिक परिवेश, पारिवारिक परिवेश, प्राकृतिक और अप्राकृतिक कारक आदि पर्यावरण के अंतर्गत आते है।

पर्यावरण के घटक 



अगर बात करे पर्यावरण के घटकों की तो वह दो प्रकार के है,
जैविक और अजैविक घटक
इन घटकों के बारे में बताने से पहले आप ये जान ले कि हमारा वातावरण भी जैविक और अजैविक प्रदार्थों से बना हुआ है।

जैविक घटक 

जैविक घटक की बात करें तो हम आप को बाता  दें कि वो सभी जीव जो अपनी जीवन की महत्वपूर्ण क्रिया करते है जीवित रहने के लिए और अपने जैसे जीवों की उत्पत्ति करने के लिए।
जीवन कि महत्वपूर्ण क्रियाएं जैसे - भोजन करना, उत्सर्जन करना, वृद्धि करना , अपने ही जैसे संतान उत्पन्न करना, आदि
उदाहरण के तौर पर हम कह सकते हैं कि सभी पेड़ पौधे एवं जीव , सूक्ष्मजीव आदि।

अजैविक घटक 

अजैविक घटक में सभी निर्जीव तत्व आते है। जिसमें वायु, घातु और अघातु तत्व, पत्थर , जल , पानी आदि आते है।

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